नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, "डूबे जहाज रैक कैरियर से तेल का रिसाव शनिवार देर रात से हो रहा है। जहाज से प्रतिघंटे करीब 1.5 से दो टन तेल का रिसाव हो रहा है।" अधिकारियों ने कहा, "रिसाव सामने आने पर गश्त पर लगे तटरक्षक जहाज समुद्र प्रहरी ने रिसे तेल को निष्क्रिय करने के लिए समुद्र में रसायनिक पदार्थ का छिड़काव किया। इसके अलावा तटरक्षकों द्वारा 'पर्यावरण सुरक्षा' अभियान शुरू किया गया है।" अधिकारी के मुताबिक रविवार सुबह एक हवाई सर्वेक्षण किया गया जिससे पता चला कि तेल का फैलाव डूबे जहाज से सात नॉटिकल मील की दूरी तक हो चुका है। उन्होंने बताया कि तटरक्षक ने तेल का फैलाव रोकने के लिए एक अन्य जहाज आईसीजीएस संकल्प को भी लगाया है।
तटीय अधिकारियों को हालांकि हालात पर सख्त निगरानी रखने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने बताया, " राज्य के अधिकारियों को भी सलाह जारी की गई है कि वे रिसाव से प्रभावित समुद्री इलाके में मछुआरों को जाने से रोकने के लिए निर्देश जारी करें।" गौरतलब है कि इस जहाज पर 60 हजार टन कोयला और 340 टन डीजल लदा था। यह जहाज गुरुवार की दोपहर मुम्बई तट के पास डूब गया। इसके डूबने से पर्यावरणीय समस्या के उत्पन्न होने का खतरा है।
नौसेना और भारतीय तटरक्षक के संयुक्त प्रयास से जहाज पर मौजूद इंडोनेशिया, जॉर्डन और रोमानिया के चालक दल के सभी 30 सदस्यों को बचा लिया गया।
पनामा का यह जहाज मेसर्स डेल्टा शिपिंग मरीन सर्विसेज कतर का था।