15 अगस्त 2011
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके समथर्को को 16 अगस्त से दिल्ली के जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में आमरण अनशन करने की अनुमति नहीं दी। इसके थोड़ी ही देर बाद अन्ना हजारे महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंच गए। वह फिलहाल मौन साधे हुए हैं और प्रार्थना कर रहे हैं, लेकिन उनकी आंखों से बरबस ही आंसू निकल गए।
अन्ना हजारे व उनके सहयोगियों ने पुलिस की ओर से रखी गई कुछ शर्तो को मानने से इंकार कर दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने यह कदम उठाया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त सुधीर यादव ने कहा कि इसके बावजूद यदि अन्ना हजारे व उनके समर्थक जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अनशन करने की कोशिश करेंगे तो वह गैरकानूनी होगा।
यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमने उन्हें अनुमति देने से इंकार किया है।"
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे के समक्ष 22 शर्ते रखी थी, जिनमें अनशन स्थल पर 5000 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और तीन से अधिक दिनों तक अनशन जारी रखने पर प्रतिबंध भी शामिल था।
दिल्ली पुलिस से अनशन की इजाजत न मिलने के कुछ ही घंटों बाद अन्ना हजारे अपने करीबी सहयोगियों, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के साथ चुप-चाप राजघाट पहुंच गए। दिल्ली पुलिस को उनके वहां पहुंचने की भनक तक नहीं लगी।
राजघाट पहुंचते ही अन्ना हजारे ने बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और फिर वहीं चादर बिछाकर बैठ गए। वह किसी से बात नहीं कर रहे हैं।
अन्ना हजारे के राजघाट पहुंचने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और थोड़ी ही देर में वहां हल्की बूंदा बादी के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 65वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से परोक्ष रूप से अपील की कि उन्हें अनशन नहीं करना चाहिए।
लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने अन्ना हजारे का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के कुछ पहलुओं से असहमत हैं, उन्हें अनशन नहीं करना चाहिए।
सिंह ने कहा, "हम उच्च पदों पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक सख्त लोकपाल विधेयक चाहते हैं। हमने हाल ही में इसके लिए एक विधेयक संसद में पेश किया है। अब केवल संसद तय कर सकती है कि किस तरह का लोकपाल कानून लागू होना चाहिए।"
सिंह ने कहा कि वह विधेयक में कुछ प्रावधानों पर पैदा हुई असहमति से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग इस विधेयक से सहमत नहीं हैं वे अपने विचारों को संसद, राजनीतिक दलों और यहां तक कि प्रेस को बता सकते हैं। मैं मानता हूं कि उन्हें अनशन नहीं करना चाहिए।"
अन्ना हजारे के प्रस्तावित आमरण अनशन के मद्देनजर सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों पर उनके सहयोगियों ने नाराजगी जताई।
अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये प्रतिबंध सरकार के तानाशाही और मनमाने रवैये को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे का अनशन किसी भी सूरत में स्थगित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस सरकार के आदेशों का अनुसरण करते हुए अन्ना हजारे के अनशन को रोकने में लगी हुई है।
केजरीवाल ने कहा कि पुलिस ने आयोजकों से कहा है कि आयोजन स्थल पर 5000 से अधिक लोग नहीं इकट्ठा होंगे, 50 से अधिक गाड़ियां नहीं खड़ी की जा सकेंगी, टेंट को फैलाया नहीं जा सकेगा और अनशन के दौरान सरकारी डॉक्टर ही अन्ना हजारे के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि ये सभी शर्ते न्यायोचित नहीं हैं और अकारण भी हैं। "वे आपातकाल जैसी परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं।"