17 अगस्त 2011
नई दिल्ली । अन्ना हजारे द्वारा अपनी मांगें पूरी होने तक जेल से बाहर आने से मना करने के बाद हजारों की संख्या में उनके समर्थक तिहाड़ जेल के बाहर जमा हो गए। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने कैंडल मार्च और नारेबाजी के जरिये अन्ना हजारे के प्रति अपना समर्थन जताया।
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा, "संदेश साफ है, जनता साबित कर रही है कि देश आजाद है। यह आंदोलन का संदेश है।" पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने भी जेल के बाहर जुटे लोगों को सम्बोधित किया।
सरकारी अधिकारी, छात्र, राहगीर सभी अन्ना हजारे का समर्थन कर रहे हैं। 'मैं अन्ना हूं' लिखी हुई टोपी और कपड़े पहने जेल के बाहर जमा लोग अन्ना हजारे के समर्थन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, तिरंगा लहरा रहे हैं। भीड़ के बीच देशभक्ति गाने भी सुनाई दे रहे हैं।
राजौरी गार्डन के निवासी जौली बत्रा मंगलवार सुबह से ही जेल के बाहर हैं। उन्होंने कहा, "यदि 74 साल के बुजुर्ग व्यक्ति को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की अनुमति नहीं दी जाती तो आप इसे लोकतंत्र नहीं कह सकते। यह तानाशाही है।"
उधर, उत्तरी दिल्ली के क्षत्रसाल स्टेडियम में भी सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हैं। हरियाणा से आए छात्र अमित पाठक ने कहा, "अन्ना हजारे लोगों की आवाज हैं। जब तक उन्हें उनकी शर्तो पर रिहा नहीं किया जाता, मैं पीछे नहीं हटूंगा।"
इससे पहले अन्ना हजारे के सहयोगी मनीष सिसौदिया ने कहा, "अन्ना हजारे ने कहा है कि जब तक अनशन के लिए स्थान का मुद्दा हल नहीं हो जाता, वह जेल से बाहर नहीं निकलेंगे।"