18 अगस्त 2011
हैदराबाद। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी की कथित अवैध सम्पत्ति और एम्मार टाउनशिप परियोजना में अनियमितताओं के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पांच शहरों में सघन तलाशी अभियान चलाया। तलाशी सुबह से ही शुरू हो गई थी, जो 10 घंटे तक चली।
इस बीच, जगनमोहन ने समर्थकों ने इसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया और कहा कि कांग्रेस को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। जगन के आवास के बाहर विधायक शोभा नेगी रेड्डी ने कहा कि उनके नेता को कांग्रेस छोड़ने की वजह से निशाना बनाया गया है।
विभिन्न शहरों में सीबीआई की 15 टीम ने जगनमोहन के घरों और दफ्तरों में तलाशी ली। साथ ही उनके व्यवसाय में निवेश करने वाली कम्पनियों और अन्य लोगों के दफ्तरों तथा घरों में भी तलाशी ली गई।
सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी. वी. लक्ष्मीनारायण ने संवाददाताओं को बताया कि जांच टीम ने बेंगलुरू, कोलकाता, दिल्ली और मुम्बई में छापेमारी की। उन्होंने कहा, "हमने मामला दर्ज किया है और अपना काम कर रहे हैं। यदि कुछ होता है तो मैं आपको जानकारी दूंगा।"
सीबीआई टीम ने हैदराबाद तथा बेंगलुरू स्थित जगनमोहन के आलीशान घर में तलाशी ली। साथ ही हैदराबाद में उनकी बहन शर्मिला के आवास पर भी तलाशी ली गई। जगनमोहन के हैदराबाद, बेंगलुरू और मुम्बई स्थित दफ्तरों में भी छापेमारी की गई।
जगनमोहन इन दिनों कृष्णानगर जिले के दौरे पर हैं। वह उन परिवारों के साथ संवेदना जताने गए हैं, जिनके सदस्यों ने 2009 में हेलीकॉप्टर में दुर्घटना में उनके पिता तथा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की मौत से आहत होकर आत्महत्या कर ली थी या जिनकी सदमे में जान चली गई थी।
सीबीआई ने जगनमोहन के जगति प्रकाशन, इंदिरा टेलीविजन, भारती सीमेंट, संदूर पावर, मंत्री डेवेलपर्स, कार्मेल एशिया सहित कई जगह तलाशी ली। एक विशेष अदालत के वारंट के साथ सीबीआई की टीम ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बी. पी. आचार्य, व्यवसायी निम्मागड्डा प्रसाद सहित कई अन्य लोगों के घरों से तलाशी अभियान की शुरुआत की।
जगनमोहन के व्यवसाय में पैसा लगाने वाली कम्पनियों के कार्यालयों में भी तलाशी ली गई। सीबीआई ने एमार प्रोपर्टीज, आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन तथा कई अन्य व्यक्तियों के यहां भी तलाशी ली।
गौरतलब है कि राजशेखर रेड्डी के बेटे जगनमोहन पिछले साल नवम्बर में कांग्रेस से अलग हो गए थे। बाद में उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बनाई। इस साल मई में हुए लोकसभा उपचुनाव में कडप्पा से उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी।