25 अगस्त 2011
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि वरिष्ठ मंत्री कपिल सिब्बल और पी. चिदम्बरम सरकार व अन्ना के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बातचीत के सख्त खिलाफ हैं। इससे प्रभावी लोकपाल की मांग के मुद्दे पर बातचीत प्रभावित हुई है। गुरुवार को अन्ना के अनशन का 10वां दिन है।
केजरीवाल ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के कुछ लोग वार्ता को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं। हम एक सहमति पर पहुंच गए थे।"
केजरीवाल ने इस स्थिति के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा, "सिब्बल और चिदम्बरम ने बातचीत की प्रक्रिया का सख्त विरोध किया है। शायद इसीलिए सरकार ने उन मुद्दों पर यू-टर्न लिया है जिन पर पहले वह सहमत थी।"
केजरीवाल ने कहा, "हम कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के शिकार हुए हैं। हमने चिदम्बरम और सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की लेकिन इसका अब तक कोई नतीजा नहीं निकला। हम किससे बात करेंगे।"
सरकार और अन्ना के सहयोगियों के बीच गुरुवार दोपहर फिर बैठक होने की सम्भावना है। इस बीच अन्ना के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।
केजरीवाल ने कहा कि अन्ना के प्रतिनिधियों का विश्वास है कि बातचीत से मुद्दों का हल निकाला जा सकता है लेकिन उन्होंने यह वादा नहीं किया कि वे सरकार के साथ चौथे दौर की बातचीत में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, "हम हमारी कोर कमेटी की बैठक में इस पर फैसला लेंगे।"