27 अगस्त 2011
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि लोकपाल विधेयक पिछले 42 वर्षो से लटका हुआ है। स्वराज ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सदन को प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कर इतिहास रचना चाहिए।
स्वराज ने सदन में लोकपाल विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "पहली बार लोकपाल विधेयक संसद में नहीं पेश हुआ है। इसके पहले आठ बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश हो चुका है। लेकिन किसी न किसी कारण से अब तक लटकता रहा है। अब 9वीं बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश किया गया है।"
स्वराज ने कहा, "इसके पहले जब भी विधेयक पेश किया गया, किसी बुद्धिजीवी की ओर से आया। लेकिन आज यह विधेयक आंदोलन बन गया है। अन्ना हजारे ने देश की जनता तक इस विधेयक को पहुंचा दिया है। लोग इसके पक्ष में सड़कों पर उतर रहे हैं। स्थिति जटिल है। जनता संसद की ओर देख रही है। आज संसद की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जनता को एक प्रभावी लोकपाल दे।"
स्वराज ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन का जिक्र करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के अनशन के कारण उपजी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुआ, सरकार उस दिशा में आगे नहीं बढ़ी।
ज्ञात हो कि प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर यहां रामलीला मैदान में जारी अन्ना हजारे का अनशन शनिवार को 12वें दिन में प्रवेश कर गया है।