27 अगस्त 2011
नई दिल्ली। प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए गत 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे ने केवल पानी पीकर अपनी जिस ऊर्जा का परिचय दिया है उसने डॉक्टरों और आम लोगों को जहां हैरत में डाला है वहीं गांधीवादी के करीबी सहयोगियों का मानना है कि उन्होंने अपने अनुशासित जीवन और आत्म नियंत्रण से यह शक्ति पाई है।
अन्ना हजारे के लम्बे समय के एक सहयोगी ने आईएएनएस से कहा, "यह आत्म-नियंत्रण की प्रक्रिया है जिसका अन्ना हजारे ने अनुसरण किया है। यह उनके लिए नया नहीं है क्योंकि उन्होंने हमेशा एक अनुशासित जीवन व्यतीत किया है।"
उन्होंने बताया कि गांधीवादी जब अनशन पर नहीं होते हैं तो वह भोजन में दूध, फल, दलिया और सादी खिचड़ी लेते हैं। यही नहीं ज्यादातर वह साधारण भोजन करने से भी बचते हैं।
सहयोगी ने बताया, "वह कभी चाय नहीं पीते।" सहयोगी के मुताबिक वह दिन में कम से कम दो घंटे नियमित रूप से योग करते हैं जो उन्हें इस अवस्था में भी तंदुरुस्त रखता है।
इस पूर्व सैन्य कर्मी की एक सख्त और अनुशासित जीवन शैली ने उनके लक्ष्य को हासिल करना सम्भव बनाया।
उन्होंने बताया, "वह केवल दिन में भोजन करते हैं।"