1 सितम्बर 2011
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने गुरुवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। बाबा रामदेव ने एक समाचार चैनल से कहा, "मीडिया में खबर आई है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुझे इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।"
योग गुरु ने कहा कि न तो वह और न ही उनका ट्रस्ट किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त है और वे पारदर्शी तरीके से कार्य संचालन कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत मामला दर्ज किया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के पास बाबा रामदेव के ट्रस्ट को हाल ही में ब्रिटेन से सात करोड़ रुपये का अनुदान मिलने के सबूत हैं। स्कॉटलैंड में लिटिल कम्ब्राय द्वीप स्थित बाबा रामदेव के आश्रम की भी तलाशी ली जा रही है। लाजर्स् टाउन में स्थित आश्रम का उपयोग रामदेव किया करते हैं, जिससे पता चलता है कि उनका आधार भारत के बाहर भी है।
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के पास बाबा रामदेव और उनके ट्रस्ट द्वारा उक्त देशों से अवैध तरीके से वित्तीय अनुदान लेने के सबूत हैं। इनमें पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट भी शामिल हैं।
बाबा रामदेव के घनिष्ठ सहयोगी वेद प्रताप वैदिक ने हालांकि इसे 'प्रतिशोध' में की गई कार्रवाई करार दिया है।
संवाददाताओं से बातचीत में वैदिक ने कहा, "मामला दर्ज करने का समय संदेह पैदा करता है। यदि सरकार के पास ये सूचनाएं पहले से ही थीं, तो उन्होंने पहले मामला दर्ज क्यों नहीं किया?"