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विकिलिक्स:एक सैंडल के लिए मायावती लगवाती हैं विमान को चक्कर

5 सितंबर 2011

दिल्ली। विकिलिक्स इन दिनों भारतीय राजनीति में हर रोज़ एक नया भूचाल लेकर आ रहा है। ताज़ा खुलासा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के बारे में किया  गया है। इस खुलासे में भारतीय अमेरिकी दूतावास के हवाले से मायावती को सीधे सीधे एक अंहकारी मुख्यमंत्री की दर्जा दिया गया है जिनपर प्रधानमंत्री बनने का धुन सवार है। इसके अलावा विकिलिक्स ने मायावती से संबंधित ऐसी दिलचस्प जानकारियों को साझा किया है जो आम तौर पर लोगों को पता नहीं चल पाता है।

विकीलीक्स के दस्तावेज़ के अनुसार भारत में अमरीकी दूतावास ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को 'अव्वल दर्जे की अति अहंकारी' बताया है जिन पर प्रधानमंत्री बनने की धुन सवार है। अमरीकी कूटनयिकों की ओर से भेजे गए इस दस्तावेज़ में मायावती के धन एकत्रित करने के तरीक़ों पर चर्चा की गई है और साथ ही उनके व्यवहार की भी।
मायावती से जुड़ी दिलचस्प जानकारियां -

शौक -
विकिलिक्स पर ये जानकारियां वर्ष 2007 से 2009 के बीच भेजे गए केबल संदेशों के आधार पर है। एक दिलचस्प खुलासे के अनुसार 23 अक्टूबर 2008 को भेजे गए एक केबल में कहा गया है कि "जब उन्हें सैंडिल की ज़रुरत थी तो उनका निजी विमान खाली मुंबई भेजा गया जिससे कि वह उनके पसंदीदा ब्रांड की सैंडिल ला सके।"

शक -
इतना ही नहीं मायावती को अपनी जान की इतनी परवाह रहती है कि वे कोई भी खाना सीधे नहीं खाती हैं। उन्होंने इसके लिए लोगों को नियुक्त कर रखा है जिससे कि उनका खाना वे लोग पहले चखें और तब मुख्यमंत्री इसे खाये। जिससे ये तय हो सके कि उनके खाने में ज़हर तो नहीं मिला है।

सनक-
मायावती की 'सनक उनकी झकपन और असुरक्षा की भावना को विशेषित करते एक केबल में कहा गया है कि  "उन्होंने अपने निवास से अपने कार्यालय तक एक निजी सड़क का निर्माण करवाया है और जब भी उनके वाहनों का कारवाँ वहाँ से गुज़रता है, तुरंत इसकी सफ़ाई की जाती है।"

संदेश में जगह-जगह मूर्तियाँ लगवाने के लिए और नोटों की माला पहनने के लिए हुई मायावती की निंदा का भी ज़िक्र किया गया है।

गरूर-
इसमें खुलासा किया गया है कि मुख्यमंत्री अपने अफसरों के चूक को भी बर्दाश्त नहीं करती हैं। वे प्रोटोकॉल की एक मामूली ग़लती के लिए अपने एक मंत्री से अपने सामने उठक-बैठक लगवा चुकी हैं।

धनबल -
लीक हुए दस्तावेज़ों के अनुसार अमरीकी अधिकारियों को मायावती के धन बल के बारे में भी जानकारी थी। एक संदेश में कहा गया है कि मायावती हर साल अपना जन्मदिन मनाती हैं जिसमें उन्हें 'चापलूस पार्टी सदस्यों, नौकरशाहों और व्यावसायियों' की ओर से दसियों लाख रुपए मिलते हैं और अधिकारियों में उन्हें केक खिलाने के लिए होड़ मची रहती है।

इतना ही नहीं अमरीकी दूतावास के अधिकारियों ने वॉशिंगटन को भेजे गए अपने एक संदेश में लिखा है कि 'संस्थागत भ्रष्टाचार' की वजह से उत्तरप्रदेश के हर संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार को 2.50 लाख डॉलर (लगभग एक करोड़ रुपए) देने होते हैं।

सत्ता का दंभ -
विकिलिक्स के खुलासे के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बीएसपी पर अमेरिकी दूतावास की पूरी नज़र थी। चुनाव परिणाम आने के बाद वाशिंग्टन को भेजे गए एक संदेश में कहा गया है कि हालांकि बीएसपी के लिए नतीजे अपेक्षा से ख़राब रहे और उसने 543 में से सिर्फ़ 21 सीटें जीतीं लेकिन उत्तर भारत के ग़रीबों, पिछड़ी जाति के लोगों के बीच वे एक मज़बूत नेता बनी रहीं।

अब देखना दिलचस्प होता है कि खुद को दलितों की नेता बतानेवाली मुख्यमंत्री अपने इन खुलासों पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।
                                                 
 
 
 
 
 
 
                                                         साभार हिन्दी बी.बी.सी
 

 

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