7 सितम्बर, 2011 को रात के तक़रीबन 11:28 बजे मध्यम तीव्रता का भूकम्प दिल्ली और आस-पास के इलाक़ों में महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर भूकम्प के इन झटकों की तीव्रता को 4.2 मापा गया, जिसका केन्द्र हरियाणा के सोनीपत में था। ये झटके दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद और नोएडा तथा हरियाणा के गुड़गांव में भी महसूस किए गए। इन झटकों को लगभग 10 सेकेण्ड तक महसूस किया जाता रहा।
उस समय शुक्र वृष लग्न में स्थित था और सूर्य का सिंह नवमांश सोनीपत, हरियाणा, जो कि भूकम्प का केन्द्र था, में उदित हो रहा था। मैंने हाल में इसी दिन यानी कि 7 सितम्बर 2011 की सुबह दिल्ली उच्च न्यायालय में हुए बम धमाके के बारे में भी लिखा है। दिलचस्प बात यह है कि उस समय शुक्र की दूसरी राशि तुला उदित हो रही थी। मैंने लेख में विश्लेषण किया था कि शत्रु-राशि सिंह में होने और अस्त होने के कारण शुक्र कमज़ोर था। वृष पृथ्वी-तत्व राशि है, अतः यह तुला की अपेक्षा भूकम्प को अधिक इंगित करती है। भूकम्प के समय शुक्र बृहस्पति के धनु नवमांश में था और बृहस्पति मेष राशि में स्थित था, जो लग्न से बारहवीं है। इसके चलते कुण्डली का लग्न बहुत कमज़ोर हो गया, जिसकी परिणति भूकम्प के रूप में हुई।