24 सितंबर 2011
शोएब अख्तर को सचिन पर जो लिखना था वो उन्होंने अपने बायोग्रफी में लिख डाला। सचिन को डरपोक बताने वाले शोएब अपनी हो रही किरकिरी से बचने के लिए जल्दी ही अपनी बात से पलट भी गये। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि इस विवाद में उनके ही देश के वरीष्ठ खिलाड़ी उनके खिलाफ हो जाएंगे। शोएब के सिनियर खिलाड़ी रहे वसीम अकरम ने शोएब के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शोएब ने अपनी किताब की पब्लिसिटि के लिए ये घटिया तरीका आज़माया है।
वसीम अकरम ने इस मामले में शोएब को आइना दिखाया है। वे उन दिनों की बात याद करने लगे जब सचिन महज़ 16 साल की उम्र में सयालदाह टेस्ट खेलने पाकिस्तान आये थे। अकरम बतातें हैं " जब सचिन 16 साल की उम्र में सयालदाह टेस्ट खेलने पाकिस्तान आये थे, तब उन्होंने अर्धशतक बनाया था,वो भी उस पिच पर जहां बड़ी -बड़ी घासें थीं। सचिन की उम्र 16 साल थी और मेरी 21 और वकार की 19। अख्तर भी उस मैच में था। कोई शाट ऐसा नहीं बचा था जो सचिन ने नहीं मारा था। जबकि उस समय हम पीक पर थे । जब 16 साल का लड़का तब नहीं डरा तो आज क्या डरेगा। अख्तर के इस बयान पर मुझे हंसी आ रही है। "
इतना ही नहीं वसीम ने तो शोएब को मुसीबतों का पुलिंदा तक बता दिया। उन्होंने कहा कि पीसीबी ने शोएब से कहा है कि वे मुसीबत में हैं। इसपर अकरम चुटकी लेते हुए कहते हैं कि "जब शोएब टीम में था तब भी प्राब्लम थी और आज जब वो टीम से बाहर है तो भी प्राब्लम हैं।"
वसीम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "शोएब की इस टिप्पणी से ना तो मुझे कोई फर्क पड़ा और ना ही सचिन को पड़ना चाहिए। ये सब कुछ शोएब ने किताब बेचने के लिए कहा है क्योंकि वो जानते हैं कि सचिन पर कुछ भी लिख दो किताब बिक जायेगी।"
क्रिकेट में विवादों से हमेशा घिरे रहने वाले पाकिस्तान के पूर्व पेस गेंदबाज़ शोएब अख्तर ने अपनी जीवनी 'कंट्रोवर्सिली योर्स' में लिखा है कि सचिन तेंदुलकर उनकी गेंदबाजी से डरते थे। उनके इस बयान की अब चारों तरफ से निंदा हो रही है। हालांकि इस मामले में शोएब ने अपनी तरफ से सफायी भी दी है। शोएब अपनी बयान से पलटते हुए कहा है कि सचिन बुज़दिल नहीं हैं।