26 सितम्बर 2011
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अमेरिका के इन आरोपों के बीच विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को वाशिंगटन से वापस बुला लिया है कि पाकिस्तान अलकायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क को समर्थन दे रहा है। इस मुद्दे पर उन्होंने देश के विभिन्न दलों के नेताओं से भी फोन पर चर्चा की। इधर कुछ मीडिया से खबर आ रही है कि पाकिस्तान ने हिना रब्बानी खार को वापस बुलाने की खबर का खंडन किया है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में 13 सितम्बर को हुए आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और हक्कानी नेटवर्क के गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया है।
गिलानी ने अमेरिका की ओर से लगातार मिल रही चेतावनियों के मद्देनजर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें खार वाशिंगटन के साथ इस्लामाबाद के सम्बंधों पर राजनीतिक दलों को जानकारी देंगी।
उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी फोन किया और इस पर चर्चा की।
अमेरिका के उक्त आरोपों के मद्देनजर गिलानी ने अवामी मुस्लिम लीग के शेख राशिद, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कैद के चौधरी शुजात हुसैन, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नवाज शरीफ और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के अल्ताफ हुसैन से भी फोन पर बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल माइक मुलेन ने पाकिस्तान पर हक्कानी नेटवर्क को समर्थन देने का आरोप लगाया। हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई का 'वास्तविक हथियार' बताते हुए उन्होंने अफगानिस्तान में 11 अगस्त को ट्रक बम हमले और 13 अगस्त को काबुल में अमेरिकी दूतावास के बाहर हुए हमले के लिए हक्कानी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उसे आईएसआई ने मदद दी।
वाशिंगटन और इस्लामाबाद के सम्बंध दो मई को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिका द्वारा अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के बाद से ही तनावपूर्ण हैं।