10 नवम्बर 2011
नवंबर का माह बेहद खास है, इस माह में एक अद्भुत योग बन रहा है। 11 नवंबर 11 यानी तीन ग्यारह एक साथ आ रहे हैं। इसके अलावा इसी दिन दिन में दो बार एक सेकंड के लिए छह 11 एक साथ आएंगे। 11 नवंबर 11 को सुबह और रात में 11 बजकर 11 मिनट एवं 11 सेकेंड यह अद्भुत योग बनेगा।
इस दुर्लभ योग के अनुसार 11 नवंबर 11 को कृत्तिका नक्षत्र होगा, जिसका स्वामी सूर्य है तथा इस दिन, इस समय पर सूर्य नीच का होकर आय भाव में स्थित होगा। इसके साथ ही महादशा भी सूर्य की होगी। गुरु एवं चंद्रमा की उस पर पूर्ण दृष्टि होगी। इस समय की कुंडली में गजकेसरी योग बना हुआ रहेगा। वार शुकवार होगा तथा शुक्र मंगल की राशि में व्यय भाव में स्थित होने से ज्यादा लाभदायक नही हैं।
इस प्रकार की ग्रह स्थिति के कारण लोगों में दिखावा करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। लोग कर्ज लेकर भौतिक सुविधाओं को जुटाने का प्रयास करेंगे। राजनीति से संबंध रखने वाले लोगों के लिए यह समय अच्छा नही कहा जा सकता है। व्यापारियों के लिए यह समय लाभदायक रहेगा। आयात-निर्यात का कार्य करने वालों के लिए व्यय की अधिकता रहेगी। खासकर पश्चिम देशों से संबंध रखने वालों को अधिक खर्च वहन करना पड़ सकता है।
इस दिन मंगल अपनी मित्र राशि सिंह में भाग्येश होगा जो जमीनध्भूमिध्परोपरी का कार्य करने वाले कोलो नायिजर्स, सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदारों आदि को लाभदायक होगा। शनि भी मित्र राशि में कर्मेश होने से केमिकल, तेल, चमड़े, फर्टीलाइजर्स, लौहा, इस्पात आदि का कार्य करने वालों के लिए श्रेष्ठ होगा। इस समय में धन की देवी लक्ष्मी का दर्शन करना उचित होगा एवं किसी गरीब को ऊनी वस्त्र का दान करने से लाभ होगा।कोई विशेष बड़ी घटना भी घट सकती है।
भारत के राज्यों में सत्ता परिवर्तन का जोरदार योग बनेगा। जनता को भ्रमित करने के राजनेताओं के प्रयास विफल होंगे। सभी शक्तिशाली नेता एवं प्रमुख हस्तियों को आने वाले समय में परेशानियों एवं आरोपों का सामना होगा। देश में कोई घटक रोग फैलने की संभावना बनेगी जो हानिकारक होगी। पडोसी शत्रु हम पर हावी होंगे ऐसी संभावनाएं बन रही है लेकिन गुरु की वजह से इनसे बचने की शक्ति भी भारत को मिल जाएगी । इस समय कई विपदाओं से जूझना पड़ सकता हैं।
पंडित दयानंद शास्त्री