11 नवंबर 2011
जोधपुर| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लापता नर्स भंवरी देवी मामले में अब तक की गई जांच पर स्थिति रिपोर्ट शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। जांच एजेंसी ने न्यायालय से इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने का निवेदन भी किया। न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति एन.के. जैन की खंडपीठ भंवरी देवी के पति अमरचंद की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर रही थी।
सीबीआई ने न्यायालय के समक्ष बंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट को सौंपते हुए निवेदन किया कि जबतक जांच चल रही है इसे सार्वजनिक न किया जाए।
ज्ञात हो कि जांच एजेंसी ने गुरुवार को नर्स की गुमशुदगी मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की कथित संलिप्तता को लेकर उनसे छह घंटे पूछताछ की थी।
सीबीआई ने न्यायालय से यह भी निवेदन किया कि लापता नर्स को ढूंढने अथवा उसका शव बरामद करने में सहायता के लिए उसे उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में राजस्थान पुलिस की एक टीम दी जाए।
लेकिन खंडपीठ ने जांच एजेंसी को इसके लिए राज्य सरकार से सम्पर्क साधने को कहा। न्यायालय ने कहा कि अगर राज्य सरकार सीबीआई के निवेदन पर ध्यान नहीं देती है तभी वह इसमें दखल देगा। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 14 नवम्बर मुकर्रर की है।
उल्लेखनीय है कि स्थिति रिपोर्ट उस समय पेश की गई है जब एक दिन पहले कुछ समाचार चैनलों पर मदेरणा और नर्स भवंरी देवी की आपत्तिजनक अवस्था वाली सीडी प्रसारित की गई है। उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसी को मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था।
न्यायालय ने इसके पहले भंवरी देवी की तलाश के लिए पुलिस को 'और गम्भीर प्रयास' करने के लिए कहा था।
जोधपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गत 24 सितम्बर को पुलिस को मामले में मदेरणा को आरोपी बनाने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 376 (बलात्कार), 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत उनकी भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था।
उल्लेखनीय है कि भंवरी देवी अपने कार्यालय पर गत 25 अगस्त से अनुपस्थित चल रही हैं। उनके पति अमरचंद ने एक सितम्बर को भंवरी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी, जो बाद में अपहरण में बदल गई।