14 दिसम्बर 2011
नई दिल्ली। थोक मूल्य पर आधारित वार्षिक मंहगाई दर नवम्बर माह में भी भी ऊंचे स्तर पर बनी रही। बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार नवम्बर में मुद्रास्फीति की दर 9.11 फीसदी रही। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें कम किए जाने की सम्भावनाओं को झटका लग सकता है क्योंकि ऊंची महंगाई दर को देखते हुए रिजर्व बैंक कठोर मौद्रिक नीति पर कायम रहने का फैसला कर सकता है चाहे बेशक वह दरों में वृद्धि नहीं करे। भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा जारी करेगा।
मुद्रास्फीति की दर दो साल से ज्यादा अर्से से लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। नवम्बर लगातार 12वां महीना रहा, जब वार्षिक मुद्रास्फीति की दर नौ फीसदी से अधिक दर्ज की गई।
रुपये की कीमत में गिरावट निकट भविष्य के लिए एक अलग खतरा पैदा कर रहा है। रुपये में लगातार हो रही गिरावट से आयात, खासकर पेट्रोलियम पदार्थो के आयात की लागत बढ़ने से महंगाई दर और बढ़ सकती है।
केंद्रीय वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवम्बर में प्राथमिक वस्तु सूचकांक में 8.53 फीसदी और ईंधन तथा बिजली सूचकांक में 15.48 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
आलोच्य माह में विनिर्माण क्षेत्र सूचकांक में 7.7 फीसदी तथा खाद्य वस्तु सूचकांक में 8.54 फीसदी वृद्धि रही।