14 दिसम्बर 2011
कोलकाता। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बुधवार को कहा कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं देखते। उन्होंने कहा कि एक भ्रष्टाचार निरोधी विधेयक 'एक व्यक्ति के तानाशाही' का परिणाम नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने 'फिक्की फ्रेम्स मीडिया एंड एंटरटेनमेंट बिजनेस कान्क्लेव' से इतर कहा, "मैं जंतर-मंतर पर इस विधेयक पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं देखता हूं। मैं लोकपाल विधेयक को पारित होते देखना चाहता हूं। इसे संसद में पारित होना है।"
गोगोई ने हालांकि कहा कि विधेयक को पारित किए जाने से पहले एक सामाजिक जागरूकता पैदा करनी है। उन्होंने कहा, "यह एक आदमी के तानाशाही के परिणामस्वरूप नहीं होना चाहिए।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गरीब लोग कम से कम न्यूनतम खाद्य सामग्री प्राप्त कर सकें इसलिए इसे खाद्य सुरक्षा विधेयक से सुनिश्चित कराना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे ने एक प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर अपने एक दिन के सांकेतिक उपवास के दौरान विधेयक पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों को निमंत्रित किया था। इस बहस में कई राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।