15 दिसम्बर
डायमंड हार्बर। पश्चिम बंगाल में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। अभी भी 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में अधिकतर रिक्शा चालक एवं श्रमिक हैं।
यह त्रासदी राजधानी कोलकाता के समीप दक्षिण 24 परगना जिले के संग्रामपुर गांव में घटी। पीड़ितों ने मंगलवार को रेलवे स्टेशन के समीप बने अवैध अड्डों पर शराब पी थी।
पुलिस अधीक्षक एल.एन. मीणा ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है।"
जहरीली शराब की आपूर्ति के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकतर पीड़ित उस्थी, मंदिरबाजार एवं मगराहाट इलाकों से हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बुधवार शाम से बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों के आने का सिलसिला गुरुवार सुबह भी जारी रहा। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
अधिकतर पीड़ितों का इलाज डायमंड हार्बर के अस्पताल में हो रहा है जबकि कुछ को आसपास के इलाकों में एवं कोलकाता भेजा गया है।
जिलाधिकारी एन.एस. निगम ने बताया कि शराब में मिले रसायन की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
विपक्षी वाम मोर्चा संग्रामपुर में गुरुवार को संवेदना रैली का आयोजन करेगा।
जिला स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मिथाइल विषाक्तता के कारण पीड़ितों को श्वास लेने में दिक्कत हुई।
बीमार लोगों का डायमंड हार्बर स्थित अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों, नर्सिग होम्स में भर्ती कराया गया है। कुछ मरीजों को कोलकाता के अस्पतालों में भेजा गया है।
संग्रामपुर के एक निवासी ने बताया, "बुधवार तड़के करीब दो बजे से लोगों को पेट दर्द के साथ उल्टी एवं दस्त की शिकायत शुरू हुई।"
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई लोगों ने अस्पताल जाने से पहले ही दम तोड़ दिया।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
यह देश की भीषणतम जहरीली शराब से होने वाली त्रासदी है। इससे पहले ओडिशा में 1992 में जहरीली शराब पीने से 200 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2009 में गुजरात में जहरीली शराब से 136 लोगों की मौत हो गई थी।