15 दिसम्बर 2011
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया, जिसके कारण संसद की कार्यवाही बाधित हुई। वे दिल्ली के एक होटल मालिक व अपने पूर्व मुवक्किल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रफा-दफा कराने के मामले में चिदम्बरम द्वारा अपने पद के कथित दुरुपयोग को लेकर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 2जी घोटाले में पहले ही आरोप झेल रहे चिदम्बरम के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा जहां पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा में हंगामे के कारण प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सांसदों ने इस मुद्दे पर शोर-शाराबा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
वहीं, राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होने के बाद ही विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया। भाजपा सदस्यों ने समाचार पत्र की प्रतियां भी दिखाई, जिसकी रिपोर्ट में चिदम्बरम के खिलाफ उक्त आरोप लगाए गए हैं।
अंग्रेजी दैनिक 'द पायनियर' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चिदम्बरम के कहने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली के एक होटल मालिक एस. पी. गुप्ता के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी व ठगी के आरोप की प्राथमिकी वापस लेने का निर्देश दिया था।
राज्यसभा में भाजपा सदस्य चंदन मित्रा ने इस मुद्दे को उठाया, जो समाचार पत्र के सम्पादक भी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दिल्ली सरकार तथा दिल्ली पुलिस को गुप्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने का निर्देश दिया। उन्हें सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह कहते हुए चिदम्बरम का बचाव किया है कि इस मामले में उसने कानून के तहत ही काम किया। इसमें चिदम्बरम की कोई भूमिका नहीं है। केंद्रीय गृह सचिव आर. के. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "गृह मंत्री ने इस पर केवल कानून मंत्रालय की राय जानने के लिए कहा।"
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने राज्यसभा में मित्रा द्वारा मामला उठाने पर ही प्रश्नचिह्न् लगाया और कहा कि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह समाचार-पत्र के सम्पादक हैं।
इस बीच, कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने उस समाचार पत्र की प्रतियां लहराई जिसमें पुणे स्थित महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि पर जबरन भूमि हथियाने का आरोप लगाया गया है, अन्ना हजारे जिसके सदस्य हैं।