14 जनवरी 2012
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव पर शनिवार को एक युवक ने स्याही फेंक दी। इससे उत्तेजित बाबा के समर्थकों ने युवक की बुरी तरह पिटाई कर दी। राजनीतिक दलों के साथ टीम अन्ना के सदस्यों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। राजधानी के कांस्टीट्यूशनल क्लब में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करने के बाद बाबा रामदेव अभी उठने ही वाले थे कि हाथों में वॉकी-टॉकी लिए वहां मौजूद एक युवक ने उन पर स्याही फेंक दी। स्याही बाबा के चेहरे पर गिरी। इसके दाग उनके कपड़ों पर साफ देखे जा सकते थे।
घटना से आक्रोशित बाबा रामदेव के समर्थकों ने बाद में आरोपी की पिटाई की, जिसकी वजह से उसके मुंह से खून निकलने लगा।
आरोपी की पहचान कामरान सिद्दिकी के रूप में हुई है। वह दिल्ली का रहने वाला है और पेशे से वकील हैं। वह एक गैर सरकारी संगठन भी चलाता है। उसने इस घटना को क्यों अंजाम दिया, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
इस घटना से अचंभित बाबा रामदेव ने कहा, "मैंने ऐसा क्या किया, जिसकी वजह से यह हुआ?" वह भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे।
स्याही फेंकने के तुरंत बाद योग गुरु के समर्थकों ने आरोपी की जमकर पिटाई की। इस दौरान वहां मौजूद एकमात्र पुलिसकर्मी एवं कुछ सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को भीड़ से छुड़ाने की कोशिश की।
रामदेव ने कहा कि उन्होंने तो विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को देश में वापस लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा, "लेकिन इसके बजाय काली स्याही मिली।"
योग गुरु ने बाद में पत्रकारों से कहा, "जो सत्य के लिए लड़ते हैं उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। हम काले धन को वापस लाने के लिए लड़ रहे हैं और उसके जवाब में मुझे काली स्याही मिली। मैंने ऐसा क्या किया जो मुझे यह मिला?"
उन्होंने कहा कि इस घटना से भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे उनके अभियान पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। योग गुरु के समर्थकों ने घटनास्थल पर ही कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
बाबा रामदेव पर स्याही फेंकने की घटना की सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की है और इसकी जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "कई ऐसे लोग और कई ऐसी पार्टियां हैं, जो कांग्रेस की मुखालफत कर रही हैं। बाबा रामदेव भी यदि कांग्रेस की मुखालफत करते हैं तो इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है।"
उन्होंने कहा, "जहां तक बात काले धन की है तो हमारी सरकार अपना सर्वोत्तम प्रयास कर रही है और हम अभी भी अपना प्रयास जारी रखे हुए हैं।" उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह गम्भीर मामला है और सिर्फ बाबा रामदेव से ही जुड़ा नहीं है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग कि ताकि यह पता चल सके कि स्याही फेंकने वाला व्यक्ति कौन है। उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही है। इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर यह व्यक्ति है कौन।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, "बाबा रामदेव पर स्याही फेंकने की घटना चकित करने वाली है। इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।"
वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा, "हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। बाबा रामदेव एक बड़े सामाजिक और धार्मिक नेता हैं, जो भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर व्यापक अभियान चला रहे हैं। जो इसका विरोध करते हैं, वह उनकी आलोचना कर सकते हैं लेकिन ऐसी शख्सियत पर हुआ यह हमला निंदनीय है।"
उन्होंने कहा, "यह एक रोग की तरह फैल रहा है। किसी ने जार्ज बुश पर जूता क्या फेंका, सभी लोग इसका अनुसरण करने लगे। बाबा रामदेव एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने अच्छे काम किए हैं। हम इसकी निंदा करते हैं।"
हमलावर पर कड़ी कार्रवाई की बात करते हुए जेटली ने कहा, "इनके दिमाग का नट ढीला हो गया है, इसके कानून से कसना पड़ेगा।"
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "सरकार को इस मामले की तह तक जाना चाहिए। सरकार को इस मामले में स्पष्ट रवैया अपनाना चाहिए और शीर्ष स्तर पर इसकी जांच की जानी चाहिए क्योंकि जिस व्यक्ति ने बाबा रामदेव पर स्याही फेंकी है, उसके हाथ में वॉकी-टाकी था। बाबा रामदेव की पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए।"
टीम अन्ना के सहयोगी मनीष सिसौदिया ने कहा, "जिस व्यक्ति ने बाबा रामदेव पर स्याही फेंकी है, वह भ्रष्ट ताकतों का नेतृत्व करता है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बाबा रामदेव जो मुद्दे उठा रहे हैं, उससे लोगों का ध्यान भटक जाए।"