24 मार्च 2012
कोलम्बो | श्रीलंका के मंत्री मेरविन सिल्वा ने उन तीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हड्डियां तोड़ने की चेतावनी दी है, जिन्होंने जेनेवा में अमेरिकी प्रस्ताव के समर्थन में अभियान चलाया है। इस प्रस्ताव को कोलम्बो विरोधी करार दिया गया है। समाचार पत्र 'संडे लीडर' में शनिवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, सिल्वा की यह टिप्पणी मानवाधिकार कार्यकर्ता सुनंदा देशप्रिय, निमालका फर्नाडो और पकियासोथी सरवनमुत्तू के लिए है।
सिल्वा ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने ही फ्री मीडिया मूवमेंट के संयोजक पोडला जयंथा को श्रीलंका छोड़ने के लिए मजबूर किया।
जयंथा ने अपने ऊपर हुए घातक हमले के बाद भयभीत होकर देश छोड़ दिया है। माना जाता है कि वह अमेरिका में रह रह हैं।
सिल्वा ने श्रीलंकाई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जेनेवा में हाल में सम्पन्न हुए मानवाधिकार परिषद के सत्र में श्रीलंका सरकार के खिलाफ अभियान चलाया।
परिषद में एक ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसमें गृह युद्ध के दौरान तमिलों के खिलाफ सेना द्वारा किए गए मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा की गई है।