25 मार्च 2012
भुवनेश्वर। इटली के दो नागरिकों और एक विधायक की रिहाई में जुटी ओडिशा सरकार को रविवार को थोड़ी राहत मिली। नक्सलियों ने कंधमाल-गंजम जिले के समीप इटली के एक नागरिक क्लाडियो कोलैंजेलो को छोड़ दिया और दूसरे नागरिक की रिहाई के लिए सरकार के समक्ष कुछ शर्ते रखी हैं। जबकि अपहृत बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका का अभी पता नहीं चल सका है।
इस बीच, नक्सलियों द्वारा इटली के एक नागरिक को रिहा किए जाने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुशी जाहिर की है।
नक्सलियों ने ओडिशा के गंजम और कंधमाल जिले से अगवा किए गए दो इतावली पर्यटकों में से एक को रविवार को यह कहते हुए छोड़ दिया कि यदि सरकार उनकी कुछ मांगें मान लेती है तो वे दूसरे इतावली पर्यटक को भी छोड़ देंगे।
एक अन्य इतावली पर्यटक और राज्य के एक विधायक अब भी नक्सलियों की कैद में हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नक्सलियों से दूसरे इतावली पर्यटक और विधायक को भी बिना नुकसान पहुंचाए जल्द छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने मध्यस्थों के लिए जो दो नाम सुझाए हैं, वह उनसे बातचीत कर शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
नक्सलियों ने दो इतावली पर्यटकों क्लाडियो कोलैंजेलो (61) और बोसुस्को पाओलो (54) को 14 मार्च को गंजाम और कंधमाल जिले से अगवा किया था, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका (37) को शनिवार तड़के भुवनेश्वर से 500 किलोमीटर दूर कोरापुट व लक्ष्मीपुर के बीच एक पहाड़ी इलाके से अगवा किया।
नक्सलियों ने रविवार को क्लाडियो को छोड़ दिया। नक्सलियों के चंगुल से छूटे क्लाडियो ने अपने अनुभव को बेहद डरावना बताया। उन्होंने कहा कि वह दोबारा भारत का दौरा करना चाहते हैं, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाकों में जाना मूर्खता होगी। उन्होंने कहा कि वह जल्द से जल्द अपने देश इटली लौटना चाहते हैं।
ओडिशा के गृह सचिव यू। एन। बेहरा ने कहा कि सरकार एक अन्य इतावली पर्यटक बोसुस्को और विधायक हिकाका (37) को भी नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास जारी रखेगी।
नक्सल नेता सब्यसाची पांडा (सुनील) ने क्लाडियो को चुनिंदा पत्रकारों के एक समूह को कंधमाल जिले में किसी अज्ञात स्थान पर सौंप दिया। उन्होंने कहा कि जनता और समाज के विभिन्न वर्गो की अपील पर इस इतावली नागरिक को छोड़ा।
पांडा ने हालांकि, बीजद विधायक के अपहरण में अपना हाथ होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि विधायक का अपहरण उनके गिरोह के लोगों ने नहीं किया।
पांडा के अनुसार, क्लाडियो को इसलिए भी छोड़ा गया, क्योंकि सरकार ने नक्सलियों की ओर से हिंसा का हवाला देते हुए उनके मध्यस्थों के साथ वार्ता रोक दी थी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके गिरोह के प्रभाव वाले क्षेत्र में युद्धविराम की घोषणा के बाद किसी तरह की हिंसा नहीं है।
कोरापुट जिले के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि विधायक झिना के बारे में पता लगाने के लिए जिले में हाई अलर्ट जारी कर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
शनिवार को वार्ता से खुद को अलग करने वाले नक्सलियों के दो मध्यस्थों- सामाजिक कार्यकर्ता दंडपाणि मोहंती व जनजातीय विशेषज्ञ बी। डी। शर्मा ने क्लाडियो को छोड़े जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि सरकार अन्य को भी नक्सलियों की कैद से छुड़ाने के लिए वार्ता शुरू कर सकती है।
उधर, राज्य विधानसभा सोमवार तक स्थगित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस विधायक शनिवार पूरी रात विधानसभा में धरने पर रहे। कांग्रेस ने राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार जब एक विधायक की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती तो वह आम-आदमी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा।