मनमोहन सिंह अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के दौरान दक्षिण कोरियाई मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "दक्षिण कोरिया से निवेश भारत की प्राथमिकता है। हम निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठाएंगे और देश में व्यापार का वातावरण तैयार करेंगे। हमारे देश में कई राज्य विदेशी निवेश को सक्रियरूप से प्रोत्साहित कर रहे हैं, और हम इन प्रयासों को समर्थन देंगे। मैं कोरियाई उद्योग जगत से आग्रह करूंगा कि भारत में भरोसा बनाए रखें।"
सिंह ने कहा, "मैं मानता हूं कि कभी-कभी हमारी प्रक्रियाएं धीमी हो सकती हैं, लेकिन वहां समस्याओं और मतभेदों के समाधान के लिए प्रभावी प्रक्रियाए और कानून का एक कड़ा शासन हैं। सरकार पास्को परियोजना को आगे ले जाने के लिए उत्सुक है और इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है। मैं मानता हूं कि भारत में एक स्थिर और लाभदायक दीर्घकालिक निवेश का अवसर है।"
ज्ञात हो कि देश में 12 अरब डॉलर का सबसे बड़ा विदेशी निवेश, पास्को इस्पात परियोजना ओडिशा के पारादीप में 4,000 एकड़ से अधिक भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय विरोध प्रदर्शनों के कारण वर्षो से लटकी पड़ी हुई है।