26 मार्च 2012
नई दिल्ली | करीब 600 घटिया वाहनों की खरीद सौदे को मंजूरी देने के लिए रिश्वत देने के प्रस्ताव के सेना प्रमुख के खुलासे और अलग तेलंगाना राज्य के मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सेना प्रमुख के दावे पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। पार्टी ने इस मुद्दे पर शून्यकाल स्थगित करने के लिए नोटिस दिया।
सभापति हामिद अंसारी ने यह कहकर सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की कि सभी मुद्दों पर उचित प्रक्रिया के तहत चर्चा होगी। उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने को कहा। लेकिन विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा शांत नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
उधर, लोकसभा में भी सदन की कार्यवाही बाधित हुई। यहां भी सेना प्रमुख का दावा छाया रहा। साथ ही तेलंगाना मुद्दे को लेकर भी आंध्र प्रदेश के सांसदों ने हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश में अलग तेलंगाना राज्य का मुद्दा उठाया।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बार-बार सदस्यों से अपील की कि वे सदन का कामकाज बाधित न करें। लेकिन हंगामा जारी रहा, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
सेना प्रमुख के खुलासे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को आड़े हाथों लिया। पार्टी के सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने टेलीविजन चैनल से कहा, "सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। संप्रग ने एक दिन भी सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है।"
सेना प्रमुख ने समाचार पत्र 'द हिंदू' के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह उस समय चकित रह गए थे, जब एक लॉबिस्ट ने उन्हें घटिया किस्म के वाहनों की एक खेप खरीदने के लिए 14 करोड़ रुपये के रिश्वत का प्रस्ताव दिया था।