26 मार्च 2012
नई दिल्ली | रूस के राष्ट्रपति दिमित्रि मेदवेदेव की भारत यात्रा से पहले रूसी राजदूत अलेक्जेंडर एम. कदाकैन ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई के लिए समझौते लगभग तैयार हो चुके हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि मास्को को उम्मीद है कि परमाणु जवाबदेही कानून इन पर लागू नहीं होगा। मेदवेदेव दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार सुबह भारत आएंगे। वह यहां ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें पांच उभरती अर्थव्यवस्थाएं ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मेदवेदेव प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
नागरिक परमाणु सहयोग द्विपक्षीय वार्ता का मुख्य विषय हो सकता है।
राजदूत ने भारत-रूस नागरिक परमाणु सहयोग के भविष्य को लेकर उत्साह का प्रदर्शन किया।
कुडनकुलम में तीसरी और चौथी इकाई के निर्माण की रूस की योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "समझौता लगभग तैयार है। कुछ मुद्दों पर बात होनी बाकी है।"
राजदूत ने यह भी उम्मीद जताई कि इन इकाइयों पर नागरिक परमाणु जवाबदेही लागू नहीं होगी, क्योंकि ये इकाइयां पहले के समझौते का हिस्सा हैं।
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में 1000 मेगावाट के दो परमाणु रिएक्टरों का निर्माण कर रही है। तमिलनाडु के कुछ संगठनों के विरोध के कारण रिएक्टरों का निर्माण कार्य कुछ समय से बाधित था, जो तमिलनाडु मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिलने के बाद फिर चालू हो गया है।