27 मार्च 2012
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आपसी सहमति पर आधारित समलैंगिक यौन सम्बंधों को अपराधमुक्त करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी की एकल खंडपीठ ने कई हफ्तों की सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
मामले की सुनवाई के दौरान समलैंगिक सम्बंधों से जुड़े दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर गृह मंत्रालय का रुख स्थायी नहीं रहा।
अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार के तटस्थ रहने को अपवाद के तौर पर लिया। अदालत ने केंद्र सरकार की इस स्थिति को एक नई घटना के रूप में जिक्र किया, जो पहले नहीं हुआ था।