27 मार्च 2012
चण्डीगढ़ | चण्डीगढ़ की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी और आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के आतंकवादी बलवंत सिंह राजोआना को 31 मार्च को ही फांसी दी जाए। अदालत ने राजोआना को फांसी देने का वारंट पटियाला के जेल अधिकारियों को वापस लौटा दिया। अदालत ने साथ ही पटियाला के जेल अधीक्षक एल. एस. जाखड़ को अदालत की अवमानना करने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।
जाखड़ ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत में पेश होकर कहा था कि राजोआना को 31 मार्च को फांसी देने के वारंट पर अमल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इस मामले में दो अन्य अभियुक्तों का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है। इसलिए वह राजोआना के मौत वारंट पर स्थगन चाहते हैं।
बहरहाल, अदालत ने जाखड़ की मांग को खारिज कर दिया और इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि राजोआना को 31 मार्च को ही फांसी दी जानी चाहिए।
राजोआना अभी पटियाला जेल में बंद है। इसी मामले में दो अन्य उग्रवादियों जगतार सिंह हवारा और लखविंदर सिंह को भी दोषी करार दिया गया है। ये दोनों याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं।