HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

लोकसभा ने हिदायत देकर छोड़ा टीम अन्ना को

28 मार्च 2012

नई दिल्ली |  सामाजिक संगठन के नाम पर गांधीवादी अन्ना हजारे और उनकी टीम के सदस्यों की ओर से संसद और संसद सदस्यों के खिलाफ जहर उगलने के मुद्दे पर लोकसभा ने मंगलवार को नरम रुख दर्शाया और उन्हें हिदायत देकर छोड़ दिया। टीम अन्ना के खिलाफ न तो निंदा प्रस्ताव आया और न ही विशेषाधिकार हनन का। जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव बस एक प्रस्ताव लेकर आए जिसमें टीम अन्ना के सदस्यों की ओर से की गई बयानबाजियों के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया गया। प्रस्ताव लाने वाले यादव ने तो साफ कहा कि जितनी आलोचना होगी, उतना मंथन होगा और उससे अमृत निकलेगा। उन्होंने कहा कि हम किसी की आलोचना करना नहीं चाहते लेकिन संसद की सर्वोच्च संस्था की आलोचना नहीं होनी चाहिए।

इस विषय पर चली चर्चा के दौरान एकमात्र नेता मुलायम सिंह यादव थे, जिन्होंने टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल को संसद में मुजरिम की तरह पेश करने की मांग की।

यादव द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर मंगलवार को लोकसभा में हुई चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि संसद की गरिमा को बनाए रख जाना चाहिए क्योंकि लोग जनप्रतिनिधियों पर विश्वास करके उन्हें चुनते हैं।

उन्होंने कहा, "संसद देश का सामूहिक विचार प्रदर्शित करता है। ऐसी कोई भी टिप्पणी जो संसद की गरिमा को कम करती हो, अवांछित और अस्वीकार्य है।"

ज्ञात हो कि संसद और संसद सदस्यों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी से नाराज शरद यादव उनके बयानों की कड़ी निंदा करने वाला एक प्रस्ताव लेकर आए थे, जिस पर बहस हुई और फिर लोकसभा अध्यक्ष ने उस पर अपनी टिप्पणी की।

चर्चा की शुरुआत करते हुए शरद यादव ने कहा कि सदन का सम्मान घटेगा तो देश कहां जाएगा। अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह भी किसी फकीर से कम नहीं हैं।

यादव ने कहा, "संसद सर्वोच्च संस्था है और जब इस पर लगातार हमले होते हैं तो हमें चिंता होती है। सदन का सम्मान घटेगा तो देश कहां जाएगा।"

उन्होंने कहा, "राम के राज में भी रावण हुए और कृष्ण के काल में भी कंस और दुर्योधन हुए। कई बार सदन में भी ऐसे लोग आए, जिन्हें नहीं आना चाहिए था। संसद सामथ्र्यवान संस्था है। इस पर हमला ठीक नहीं है।"

यादव ने कहा, "यह वही संसद है जिसने गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। महज 13 दिनों में उन 11 सांसदों की सांसदी खत्म कर दी गई थी, जिन्होंने इस संसद को शर्मसार किया था।"

उन्होंने कहा, "आजकल एक ट्रेंड चला है कि राजनीतिक जमात पर हमला करो और उसे घेरो। ईमानदारों की बात नहीं हो रही है। बेईमानों की ओर इशारा कर अंधेरा फैलाने की कोशिश की जा रही है और अंधेरे की ओर ले जाकर निराशा फैलाई जा रही है। हम भी उस फकीर से कम नहीं हैं।"

यादव ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से आग्रह किया, "सदन की रक्षा और सुरक्षा आपके हाथ में है। जनता का इस संस्था पर से विश्वास न उठे, यह जिम्मेदारी आपको उठानी होगी। इस विश्वास को टूटने मत दीजिए।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा, बल्कि इस तरह के बयान देने वालों को संसद में खड़ा किया जाना चाहिए और मुजरिम की तरह पेश किया जाना चाहिए।

मुलायम ने कहा, "संसद सर्वोच्च संस्था है और सर्वोच्च सत्ता भी यही है। यदि कोई इस पर अनुचित हमला करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "सिर्फ प्रस्ताव पारित कर न छोड़ा जाए। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें मुजरिम की तरह संसद में पेश किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ सर्वसम्मति से विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।"

सोमवार को कई सांसदों ने दलगत भावना से ऊपर उठते हुए अन्ना हजारे के साथियों द्वारा सांसदों के लिए इस्तेमाल असंसदीय भाषा के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग की थी।

इस चर्चा के बाद अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इसके बाद भी कोई समाधान सामने नहीं आया। उन्होंने कहा, "हमने जो सवाल उठाए थे वे अनुत्तरित रह गए।"


Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms