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राजोआना की फांसी से पहले पंजाब में सुरक्षा कड़ी

28 मार्च 2012
 
चण्डीगढ़ |  बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी बलवंत सिंह राजोआना की प्रस्तावित शनिवार की फांसी से पहले विभिन्न सिख संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान के मद्देनजर बुधवार को पूरे पंजाब में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

चण्डीगढ़ में एक अदालत ने मंगलवार को निर्देश दिया कि राजोआना को 31 मार्च को फांसी दी जाए। अदालत के इस निर्देश के बाद राज्य में तनाव बढ़ गया है। वर्ष 1995 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में राजोआना को फांसी की सजा सुनाई गई है।

पंजाब पुलिस के लगभग 60,000 जवानों को तथा अर्धसैनिक बलों की 15 कम्पनियों को सतर्क कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने कुछ शहरों और कस्बों में फ्लैग मार्च किया है।

जेल परिसर की तरफ जाने वाले मार्गो पर अवरोधक खड़े किए गए हैं।

पटियाला जिला पुलिस अधीक्षक गुरप्रीत सिंह गिल ने कहा कि जेल परिसर के चारों ओर और पटियाला जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

यद्यपि राज्य के अधिकांश हिस्सों में जन-जीवन सामान्य है, लेकिन राजोआना की फांसी को लेकर बने माहौल के कारण पिछले कुछ दिनों से तनाव बढ़ गया है। कुछ सिख संगठनों ने बुधवार को पंजाब बंद का आह्वान किया है।

पंजाब सरकार और पटियाला जेल अधीक्षक एल.एस. जाखड़ राजोआना की फांसी टालने के लिए बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

जाखड़ ने कहा है कि बेअंत सिंह हत्या मामले की कानूनी कार्यवाही सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है और राजोआना को फांसी देना फिलहाल उचित नहीं है। जाखड़ ने मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश शालिनी सिंह नागपाल की ओर से आए मृत्यु वारंट को तीसरी बार स्वीकार करने से इंकार कर दिया।

ज्ञात हो कि 1992 व 1995 के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह की दिलावर सिंह नामक एक आत्मघाती हमलावर ने 31 अगस्त, 1995 को यहां उच्च सुरक्षा वाले पंजाब सचिवालय में हत्या कर दी थी।


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