28 मार्च 2012
नई दिल्ली | सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर हुए हंगामे के कारण बुधवार दोपहर 12 बजे तक राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, जबकि रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार उचित समय पर इस पर जवाब देगी।
लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि सदस्यों ने पृथक तेलंगाना राज्य का मुद्दा उठाया।
सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में सशस्त्र बलों में हथियारों और गोला-बारूद की कमी का जिक्र किया है।
रपटों के अनुसार, 12 मार्च, 2012 को लिखे पत्र में कहा गया है कि देश में सेना के टैंकों के लिए विस्फोटक नहीं हैं। पत्र में साजोसामान के अभाव को दूर कर सेना को आक्रामक स्तर पर लाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
सदन की बैठक सुबह जैसे ही शुरू हुई, राज्यसभा में विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से खड़े हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सशस्त्र बलों के हालात पर यह गम्भीर प्रश्न खड़ा करता है।
नायडू ने कहा, "सेना प्रमुख ने गोला-बारूद की स्थिति के बारे में एक गोपनीय पत्र लिखा.. यह दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन एक गम्भीर मुद्दा है। सेना की दशा को लेकर हम अब भयभीत हैं। मुझे ऐसा कहने में भी डर लग रहा है, क्योंकि मैं सेना का मनोबल नहीं गिराना चाहता।"
जनता दल (युनाइटेड) के नेता शिवदास तिवारी ने हालांकि सेना प्रमुख को बर्खास्त किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, "यह गम्भीर अनुशासनहीनता का मामला है, सेना प्रमुख को बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
चूंकि पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर हंगामा करता रहा, लिहाजा रक्षा मंत्री एंटनी ने कहा कि उन्हें पत्र के बारे में जानकारी है और उन्होंने सरकार की ओर से जवाब देने का भरोसा जताया। एंटनी ने कहा, "मुझे इस बारे में जानकारी है, और सरकार उचित समय पर जवाब देगी।"
लेकिन विपक्षी सदस्यों ने भावी कदम के बारे में तत्काल जवाब मांगा। सभापति हामिद अंसारी के बार-बार अनुरोध के बावजूद जब सदस्य शांत नहीं हुए तो सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए और बाद में दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।