29 मार्च 2012
नई दिल्ली | आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य, सेतुसमुद्रम परियोजना और कावेरी जल विवाद के मुद्दे गुरुवार को संसद में छाए रहे। इन मुद्दों पर जबरदस्त हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में आंध्र प्रदेश से तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), कांग्रेस तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने अलग तेलंगाना राज्य का मुद्दा उठाया। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिन पर 'अनिर्णय के कारण मासूमों की मौत' और 'तलंगाना विधेयक लाओ, जय तेलंगाना' जैसे नारे लिखे थे।
कुछ सदस्यों ने सेतुसमुद्रम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की, जिसका निर्माण पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने किया था।
वहीं, भाजपा सांसदों ने कावेरी जल विवाद में कर्नाटक के साथ न्याय की मांग की। उनके हाथों में भी मांगों के समर्थन में नारे लिखी तख्तियां थीं। पार्टी ने निचले सदन में प्रश्नकाल स्थगित कर कावेरी जल विवाद और कर्नाटक में सूखे की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। भाजपा ने राज्य में सूखे जैसी स्थिति के लिए राहत पैकेज की मांग की।
शिवसेना के सांसदों ने महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की।
बढ़ते हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर, राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। भाजपा सांसद एम. वेंकैया नायडू ने सेतुसमुद्रम का मुद्दा उठाया।
तेलंगाना क्षेत्र के सांसदों ने भी अपनी मांगों के समर्थन में नारे लिखी तख्तियां हवा में लहराई। हंगामे को देखते हुए पहले 15 मिनट तक के लिए और फिर दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।