29 मार्च 2012
नई दिल्ली | पांच उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के चौथे शिखर सम्मेलन में गुरुवार को भारत ने अन्य सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक बाधाओं और खासकर पश्चिम एशिया की राजनीतिक बाधाओं को दूर करने में मदद करें, जिनके कारण ईंधन बाजारों में अस्थिरता पैदा हो रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शिखर सम्मेलन के सम्पूर्ण अधिवेशन में अन्य देशों के नेताओं से कहा, "हमें राजनीतिक बाधाओं को दूर करना चाहिए, जो ऊर्जा बाजारों में अस्थिरता पैदा कर रहा है और व्यापारिक प्रवाह को भी बाधित कर रहा है।"
ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ, चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ, दक्षिण अफ्रीका के जैकब जुमा, रूस के दिमित्रि मेदवेदेव तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ताज पैलेस होटल में हो रहे शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि तय सत्र में ब्रिक्स देशों के नेताओं ने पश्चिम एशिया में जारी राजनीतिक अस्थिरता पर चर्चा की और संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में राजनीतिक अस्थिरता तथा चरमपंथ तथा आतंकवाद का उदय सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं।
उन्होंने कहा, "इनके प्रति हमारी प्रतिक्रियाएं अलग-अलग तरह की हो सकती हैं, लेकिन हमारे हित एक समान हैं, जो हमें एक दूसरे से बांधे हुए हैं।"
प्रधानमंत्री तथा अन्य नेताओं ने एक निवेश बैंक 'दक्षिण-दक्षिण बैंक' की स्थापना के प्रस्ताव पर भी चर्चा की, जो ढांचागत तथा विकास परियोजनाओं को कोष मुहैया कराएगा।