30 मार्च 2012
पटियाला | पंजाब में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सरकार में शामिल एकमात्र महिला मंत्री को अप्रैल 2000 में अपनी ही बेटी की हत्या की साजिश में शामिल होने का दोषी ठहराते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें हालांकि हत्या के आरोप से बरी कर दिया। बादल सरकार में ग्रामीण जलापूर्ति, स्वच्छता एवं रक्षा सेवा मामलों की मंत्री जगीर कौर को सीबीआई की विशेष अदालत ने पटियाला में यह सजा सुनाई। कौर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
जगीर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (षड्यंत्र), धारा 313 (महिला की सहमति के बगैर जबरन उसका गर्भपात कराने), धारा 344 (गलत तरीके से 10 दिन या इससे अधिक समय तक बंधक बनाए रखने) और धारा 365 (व्यक्ति को बंधक बनाने के उद्देश्य से गुपचुप तरीके से उसका अपहरण) के तहत दोषी ठहराया गया है।
अदालत ने हालांकि कौर को धारा 302 के तहत हत्या के आरोप से बरी कर दिया। तीन अन्य आरोपियों- दलविंदर सिंह, परमजीत सिंह और निशान सिंह को भी हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया है, लेकिन उन्हें हत्या के षड्यंत्र का दोषी पाया गया है।
जगीर कौर की बेटी हरप्रीत कौर की 20 अप्रैल, 2000 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।
हरप्रीत ने निचली जाति के युवक कमलजीत सिंह से गुपचुप विवाह कर लिया था, जिससे उसकी मां जगीर और परिवार के अन्य सदस्य नाराज थे।
जगीर को 14 मार्च को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।