गुटका पाउच देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश में भी नई पीढ़ी की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। ये पाउच बीमारियों के जनक भी हैं। राज्य सरकार ने एक अप्रैल से इन पाउचों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला बढ़ती बीमारियों के मद्देनजर लिया गया है।
इस समय मुंह का कैंसर सबसे बड़ी समस्या बन चुका है और इसकी मूल वजह गुटका पाउच है। गुटका चबाने वालों को कैंसर के अलावा आंत के भी कई रोग हो रहे हैं।
इंजीनियरिंग कालेज के छात्र राजेश कुमार को गुटका खाने वालों से सख्त नफरत है। वह कहते हैं कि उन्हें यह कतई अच्छा नहीं लगता कि उनके साथी कॉलेज में गुटका खाकर आते हैं। उनकी सलाह है कि तमाम शिक्षण संस्थाओं को धूम्रपान पर भी रोक लगा देनी चाहिए और धूम्रपान करने वालों को दंडित करना चाहिए।
सेवानिवृत्त अधिकारी आर. एस. शर्मा कहते हैं, "गुटका पाउच पर सिर्फ पाबंदी लगाना काफी नहीं है। सरकार को आमजनों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोग खुद ही इससे अपने को दूर रखें। ऐसा इसलिए, क्योंकि सिर्फ पाबंदी और दंड से अपराध नहीं रुक जाते।"