31 मार्च 2012
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में हुए घपलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की आवश्यकता है। रमेश ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैंने मुख्यमंत्री अखिलेश से आग्रह किया है कि राज्य में मनरेगा के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए हैं। खासतौर से गोंडा, बलरामपुर और सोनभद्र जिलों में ऐसा हुआ है। इनकी जांच सीबीआई से कराए जाने की आवश्यकता है।"
अखिलेश और रमेश के बीच मनरेगा के अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पेयजल एवं स्वच्छता से जुड़े मसलों पर भी विस्तार से बातचीत हुई।
रमेश ने कहा, "राज्य में चल रही केंद्रीय योजनाओं के बारे में बातचीत की गयी। हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि उत्तर प्रदेश को केंद्र की ओर से भरपूर मदद दी जाएगी।"
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भी राज्य में पिछले ढाई वषरें से कोई काम नहीं हुआ है और अब इस दिशा में भी कदम उठाने की आवश्यकता है।
रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह अपने आला अधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट मांगेंगे और उसके बाद उचित फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "मैने मुख्यमंत्री से खासतौर पर यह आग्रह किया है कि मनरेगा में हुए घपलों की जांच सीबीआई से कराने की आवश्यकता है ताकि लोगों के बीच सही संदेश जाए कि सरकार भ्रष्टाचार और घोटालों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।"
उल्लेखनीय है कि बसपा सरकार के कार्यकाल दौरान रमेश ने मुख्यमंत्री मायावती को पत्र लिखकर लगभग आधा दर्जन जिलों में मनरेगा में हुए घोटालों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आग्रह किया था लेकिन राज्य सरकार ने इस पर अमल नहीं किया था। मायावती सरकार का रवैया इस मामले में सहयोगात्मक नहीं रहा था।