2 अप्रैल 2012
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के ब्राम्हणी मंदिर में पुलिस फायरिंग में तीन लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद सोमवार को लोकनिर्माण विभाग मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि पुलिस के पास अन्य विकल्प भी थे। इटावा समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव का गृह जिला है। इटावा के बलरई क्षेत्र स्थित ब्राम्हणी देवी मंदिर में रविवार को झंडा लगाने के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई। उग्र भीड़ ने बीचबचाव करने पर पुलिस पर ही हमला कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात काबू में करने के लिए वहां तैनात प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएससी) के जवानों ने फायरिंग कर दी, जिससे दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य ने देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो घायलों का उपचार जारी है।
घटनास्थल का दौरा करने के बाद शिवपाल ने कहा, "पुलिस को फायरिंग करने से बचना चाहिए था। हालात काबू करने के लिए पीएसी और पुलिस के पास फायरिंग के अलावा लाठीचार्ज, रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोड़ने जैसे कई विकल्प थे।"
यादव ने कहा, "घटना की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव हालात पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल हालात पूरी तरह से नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण हैं।
राज्य सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने और मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये व घायलों का पचास हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।