2 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने उचित अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा ही नसबंदी किए जाने की मांग करने वाली एक याचिका पर सोमवार को केंद्र व सभी राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा और न्यायमूर्ति एच.एल. गोखले की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्वेज की याचिका पर ये नोटिस जारी किए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गैर सरकारी संगठन अत्यंत अस्वच्छ परिस्थितियों में नसबंदी कर रहे हैं।
गोंसाल्वेज ने न्यायालय से कहा कि गैर सरकारी संगठनों के पास प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी नहीं हैं और वे मरीजों को एनेस्थीसिया नहीं देते। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मामलों में तो स्कूल की डेस्क को ही ऑपरेशन टेबल के रूप में इस्तेमाल किया गया और प्रकाश के लिए सामान्य टार्च इस्तेमाल में लाई गई।