इसके बाद महिला ने शिशु का शव डीपफ्रीज में रख दिया और 29 दिसम्बर, 2011 तक यह वहीं रखा रहा। बाद में महिला के पुरुष साथी ने उसे मांस समझकर वहां से बाहर निकाला।
स्मिरनोवा ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है।
स्मिरनोवा के दो और बच्चे होने की बात ध्यान में रखते हुए उसे अदालत ने 22 महीने की कैद की स्थगित सजा सुनाई है। इसके तहत दोषी को कोई अन्य अपराध करने की सूरत में ही जेल भेजा जाता है।