5 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर कूच करने से सम्बंधित मीडिया की रपटों और सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह द्वारा युद्ध तैयारियों में खामियों का हवाला देकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए पत्र पर चिंता जताते हुए संसद की एक समिति ने बुधवार को रक्षा मंत्रालय एवं सशस्त्र सेनाओं के कामकाज पर गम्भीर सवाल उठाए। सूत्रों ने बताया कि पहले से प्रस्तावित बैठक के तहत रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति के सांसदों ने रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा एवं सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस.के. सिंह के समक्ष दोनों मुद्दों को उठाया।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के हैदराबाद से सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने पहले इन दोनों मुद्दों को उठाया। ओवैसी का समर्थन कांग्रेस के पी.जे. कुरियन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्तार अब्बास नकवी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राम कृपाल यादव ने किया।
समाचार पत्र 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट पर सांसदों ने कहा, "मसला चिंताजनक है।"
सूत्रों ने बताया कि रक्षा सचिव एवं सेना उप प्रमुख ने सरकार की बात को दोहराया कि सेना की टुकड़ियों का दिल्ली की तरफ कूच करना एक नियमित अभ्यास के सिवाय कुछ नहीं था।
एक सूत्र ने बताया, "रक्षा सचिव ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस तरह के अभ्यास होते रहते हैं।"
सूत्र के मुताबिक, "यह मामला सार्वजनिक हो जाने पर समिति के सदस्य इस बारे में और ब्योरे चाहते थे। समिति के अध्यक्ष ने इस बारे में एक रिपोर्ट सौंपने की मांग की। समिति को रिपोर्ट नौ अप्रैल तक सौंपी जाएगी।"
सेना में उपकरणों एवं गोलाबारूद की कमी पर सेना प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र पर समिति ने सेना के प्रतिनिधियों से सवाल किए।