10 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि यह आरोप सरासर झूठा है कि उन्होंने वेक्ट्रा की तरफ से सेना प्रमुख को रिश्वत की पेशकश की थी। वेक्ट्रा वह कम्पनी है, जिसके द्वारा निर्मित टाट्रा वाहन सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। अदालत, तेजिंदर सिंह द्वारा सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की सुनवाई कर रही थी।
तेजिंदर सिंह ने कहा, "टाट्रा एंड वेक्ट्रा प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से रिश्वत की पेशकश करने का आरोप सरासर झूठा और बेबुनियाद है और मैं इससे इंकार करता हूं।"
महानगरीय दंडाधिकारी सुदेश कुमार ने मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल के लिए तय कर दी।
तेजिंदर सिंह 2010 में रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने न्यायालय से मांग की कि इस तरह का झूठा बयान मीडिया में देने के लिए सेना प्रमुख और अन्य को सम्मन किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए।
ज्ञात हो कि सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने मीडिया में यह खुलासा करके पूरे रक्षा महकमे में खलबली मचा दी थी कि एक सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी ने उन्हें 600 घटिया वाहनों के आर्डर को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी और उन्होंने तत्काल यह बात रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को जाकर बताई थी।