10 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | इतालवी जहाज एमटी एनरिका लेक्जी के मालिकों की ओर से दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल पुलिस व राज्य के व्यापारिक समुद्री विभाग को नोटिस जारी किया है। याचिका में इतालवी जहाज को मुक्त किए जाने की मांग की गई थी ताकि वह अपनी समुद्री यात्रा पूरी कर सके। इतालवी जहाज पर मौजूद चालक दल के सदस्यों द्वारा फरवरी में दो भारतीय मछुआरों की हत्या किए जाने के बाद इसे हिरासत में ले लिया गया था।
केंद्र सरकार व मारे गए मछुआरों में से एक की विधवा गोराम्मा को भी नोटिस जारी किया गया है।
न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने नोटिस जारी किए। इससे पहले वरिष्ठ वकील के.के. वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि दो इतालवी नौसैनिक पहले ही पुलिस हिरासत में हैं और उनके हथियार जब्त कर लिए गए हैं।
वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि जहाज का इस अपराध से कोई लेना देना नहीं है और उसे किसी भी तरह से मामले का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।
जहाज के मालिकों की ओर से दायर याचिका में केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में एकल पीठ के जहाज की रवानगी की अनुमति देने के फैसले पर रोक लगा दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कहा गया कि जब से 100,000 टन के इस जहाज को कोच्चि बंदरगाह पर हिरासत में लिया गया है तब से इसमें 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है और यह घाटा हर दिन बढ़ रहा है।
केरल में अलापुझा के तट पर 15 फरवरी को दो भारतीय मछुआरों को गलती से समुद्री लुटेरा समझ उनकी हत्या कर दी गई थी।