10 अप्रैल 2012
जम्मू | जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम से राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाने की मांग की। यह जानकारी मंगलवार को सुरक्षा जायजा लेने के लिए हुई एक उच्च स्तरीय वार्ता के बाद एक जानकार सूत्र ने दी। बैठक की अध्यक्षता चिदम्बरम ने की, जिसमें प्रशासनिक, पुलिस, अर्धसैनिक बल, खुफिया और सैन्य अधिकारी उपस्थित हुए। बैठक में 2011 की शांति को कायम रखने, वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और सुरक्षा व्यवस्था से सम्बंधित चर्चा हुई।
आधिकारिक सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने एएफएसपीए हटाने की प्रक्रिया उन स्थानों से शुरू करने की जोरदार वकालत की, जहां शांति कायम है और सेना का उपयोग नहीं रह गया है।
उन्होंने जम्मू क्षेत्र के जम्मू, सम्बा और कठुआ तथा कश्मीर घाटी क्षेत्र के श्रीनगर तथा बडगांव जैसे जिलों से एएफएसपीए हटाने की मांग, जो राज्य में सशस्त्र बल को विशेष अधिकार देता है।
सूत्र के मुताबिक इस बैठक में ऐसे ग्राफ प्रस्तुत किए गए जिन से 2010 के बाद कुछ क्षेत्रों में उग्रवाद में कमी का संकेत मिलता है।
सेना का हालांकि मानना है कि स्थिति अब भी गम्भीर है। राज्य सरकार ने गर्मी के मौसम में कश्मीर घाटी में और सुरक्षा बंकरों को भी हटाने का समर्थन किया।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1990 से अब तक राज्य में 1,600 सुरक्षा बंकर बनाए गए हैं। इनमें से 80 बंकर पिछले साल हटाए गए, जिनमें से अधिकतर श्रीनगर में हैं। इस वर्ष 25 और बंकरों को हटाने की योजना है।
सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने बैठक में यह भी कहा कि वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और उनकी सिफारिशों को लागू किया जाए, यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो ऐसी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी।
बैठक में राज्य की सुरक्षा स्थिति, पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ, आतंकवादियों को नियंत्रित करने की रणनीति और सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों में तालमेल का भी जायजा लिया गया।