11 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में इस बात से इंकार किया उन्होंने सेना को ट्रक बेचने के लिए किसी तरह के रिश्वत की पेशकश की थी। तेजिंद्र सिंह ने महानगरीय दंडाधिकारी सुदेश कुमार से कहा कि सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह द्वारा लगाया गया यह आरोप सरासर झूठा और बेबुनियाद है।
सिंह ने कहा, "आरोप यह लगाया गया था कि मैंने टाट्रा एंड वेक्ट्रा लिमिटेकी की तरफ से रिश्वत की पेशकश की थी, जो कि बीईएमएल को वाहनों की आपूर्ति करती है। यह आरोप सरासर झूठा और बेबुनियाद है, और मैं इससे इंकार करता हूं।"
वेक्ट्रा कम्पनी टाट्रा वाहनों का निर्माण करती है, जिन्हें सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
ज्ञात हो कि सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने मीडिया में यह खुलासा करके पूरे रक्षा महकमे में खलबली मचा दी थी कि एक सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी ने उन्हें 600 घटिया वाहनों के आर्डर को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी और उन्होंने तत्काल यह बात रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को जाकर बताई थी।
तेजिंदर सिंह 2010 में रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने न्यायालय से मांग की कि इस तरह का झूठा बयान मीडिया में देने के लिए सेना प्रमुख और अन्य को सम्मन किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए।
अदालत, तेजिंदर सिंह द्वारा सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की सुनवाई कर रही थी।
न्यायालय ने कहा कि सेना प्रमुख को सम्मन जारी करने या न जारी करने पर 21 अप्रैल को फैसला किया जाएगा।