12 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ को राहत देने से इंकार कर दिया और उनके खिलाफ एक निचली अदालत में अभियोग चलाने की अनुमति दे दी।
शरीफ पर रेल मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। विशेष न्यायाधीश द्वारा मामले पर संज्ञान लिए जाने और उनके खिलाफ सुनवाई शुरू करने तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की समापन रिपोर्ट को खारिज कर उनके खिलाफ अभियोग चलाने की आधिकारिक अनुमति मांगे जाने के बाद शरीफ ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
न्यायमूर्ति एम.एल.मेहता ने शरीफ की याचिका खारिज कर दी और कहा, "मैंने सीबीआई के काबिल विशेष न्यायाधीश द्वारा जारी आदेश में कोई अवैधता या कमी नहीं पाई। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।"
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शरीफ ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों पर अपने कर्मचारियों में से चार को 1995 में लंदन की सैर की अनुमति देने के लिए दबाव दिया था। शरीफ भी वहां हृदय के आपरेशन के लिए गए थे।