13 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर शिकायत की है कि कपास निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय खाद्य एवं वस्त्र मंत्रालयों पर निशाना साधते हुए पवार ने प्रधानमंत्री को मंगलवार लिखे पत्र में कहा है कि दोनों मंत्रालयों की नीतियां किसान विरोधी हैं।
ज्ञात हो कि मंत्रियों के समूह ने सोमवार को मौजूदा वित्त वर्ष में एक करोड़ 30 लाख गठरी से अधिक कपास के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके एक दिन बाद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।
मंत्री समूह के फैसले से वस्त्र कम्पनियों को फायदा होने का संकेत देते हुए पवार ने कहा, "कपड़ा मिलों को दी जाने वाली छूट का बोझ कपास किसानों पर नहीं डाला जाना चाहिए।"
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कपास के निर्यात की सीमा तय करने का विरोध किया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, किसान कपास पर अधिक लागत और कम मुनाफे से परेशान हैं।
पवार ने चीनी के निर्यात को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "सरकार के भीतर व्याप्त नकरात्मकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 लाख टन चीनी निर्यात को अनुमति देने का फैसला 26 मार्च को ही लिया गया था, लेकिन इस सम्बंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।