13 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | कजाकिस्तान के शहर अस्ताना में आयोजित एआईबीए एशियाई ओलम्पिक क्वालीफाईंग टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टीम शनिवार तड़के स्वदेश लौटेगी। लंदन ओलम्पिक में भारत की ओर से सात मुक्केबाज हिस्सा लेंगे। ओलम्पिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब भारत की ओर से इतनी बड़ी संख्या में मुक्केबाज विश्व के अन्य मुक्केबाजों के बीच अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
कुल सात मुक्केबाजों में से तीन ने अस्ताना में खेलते हुए लंदन के लिए टिकट कटाया है। इनमें बीजिंग ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिह (75 किलोग्राम), वर्ष 2010 के यूथ ओलम्पिक के रजत पदक विजेता शिव थापा (56 किलोग्राम) और 2010 के युवा एशियाई चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता सुमित सांगवान (81 किलोग्राम) शामिल हैं।
भारतीय मुक्केबाजी टीम में थापा (18) और सांगवान (19) सबसे युवा सदस्य हैं। इन्होंने अस्ताना में बेहतर प्रदर्शन कर अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
भारत ने अस्ताना में कुल पांच पदक जीते जिनमें दो स्वर्ण और तीन कांस्य पदक शामिल है। विजेंदर, मनप्रीत सिंह (91 किलोग्राम) और परमजीत समोता (91 किलोग्राम से अधिक) को सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था, जिसकी वजह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि इस टूर्नामेंट से पहले ही भारत के विकास कृष्ण (69 किलोग्राम), मनोज कुमार (64 किलोग्राम), जय भगवान (60 किलोग्राम) और एल. देवेंद्रो सिंह (49 किलोग्राम) लंदन ओलम्पिक का कोटा हासिल कर चुके थे।