14 अप्रैल, 2012
इस्लामाबाद। इस्लामाबाद की एक अदालत के आदेश के बाद अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के पारिवारिक सदस्यों को अगले बुधवार को पाकिस्तान से जबरन सऊदी अरब भेज दिया जाएगा। लादेन की विधवाओं में से दो-खरियाह सबर और सिहाम सबर सऊदी नागरिक हैं, जबकि तीसरी पत्नी अमाल अहमद अब्दुल फतह यमनी है।
वेबसाइट 'डेलीमेल डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक लादेन की पत्नियों के वकील, आमिर खलील के अनुसार, 45 दिनों की उनकी नजरबंदी की मियाद पूरी हो जाने के साथ ही उन्हें सऊदी अरब को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
इन तीनों को लादेन की 17 वर्ष और 21 वर्ष उम्र की दो बेटियों सहित इस महीने के प्रारम्भ में नजरबंद किया गया था। इन्होंने पाकिस्तान में अवैधरूप से रहने का दोष कबूल किया था।
चंद दिनों पहले ही अल अरबिया टेलीविजन नेटवर्क ने इस्लामाबाद स्थित उस अतिथिगृह के अंदर का फुटेज जारी किया था, जहां लादेन के परिवार के सदस्य छुपे हुए थे। बच्चे टेडी बियर और क्रिकेट बैट्स के साथ खेलते हुए देखे गए थे, जबकि लादेन की तीनों विधवाएं या तो बच्चों को खेलते हुए देख रही थीं या फिर कुरान पढ़ रही थीं।
यह स्पष्ट नहीं है कि लादेन की यमनी विधवा, अमाल अहमद अब्दुल फतह सऊदी अरब में ही रहेगी या अपने मूल देश यमन चली जाएगी।
सीएनएन के अनुसार, तीनों विधवाओं के मामले से परिचित एक सूत्र ने कहा है कि यमन सरकार ने फतह को स्वीकार करने की इच्छा जाहिर की है।
लादेन की तीनों विधावाएं तभी से पाकिस्तानी हिरासत में हैं, जब अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो ने लादेन के एबटाबाद स्थित परिसर पर मई 2011 में धावा बोलकर उसे मार डाला था।
तीनों महिलाओं ने छद्मरूप धारण कर पाकिस्तान में अवैधरूप से प्रवेश करने और अवैधरूप से रहने की बात स्वीकार कर ली थी, जिसके कारण मुकदमे की जरूरत नहीं पड़ी। खलील ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामूली सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगे।