18 अप्रैल 2012
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ की जिला जेल में बुधवार को कैदियों और जेलकर्मियों के बीच हिंसक झड़प के बाद पथराव और फायरिंग में दोनों पक्षों के करीब 15 लोग घायल हो गए। जिला प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि जिलाधिकारी ने फायरिग से इंकार किया है। जिला जेल में सुबह किसी बात को लेकर कैदियों और बंदीरक्षकों के बीच हुए विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। उग्र कैदियों ने जेल की मेस और बैरक में आग लगा दी और बंदीरक्षकों पर जमकर पथराव किया।
अतिरिक्त पुलिस बल के पहुंचने के बाद ही उग्र कैदियों पर काबू पाया जा सका। सूत्रों के अनुसार स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने छह से आठ राउंड गोलियां चलाईं।
मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के. सत्यनारायण ने आईएएनएस को बताया, "घटना में करीब पांच बंदीरक्षक और दस कैदी घायल हुए हैं। सभी घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। किसी भी घायल की हालत गम्भीर नहीं है।"
सत्यनारायण ने कहा, "फिलहाल हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। जेल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।"
मेरठ के जिलाधिकारी विकास गोठलवाल ने संवाददाताओं को बताया, "घटना के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के बाद ही तथ्य सामने आ सकेंगे।"
जिलाधिकारी ने कहा कि पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए केवल रबर की गोलियां चलाई गई थीं न कि असली गोलियां।
उधर, जेल मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने राजधानी लखनऊ में संवादाताओं से कहा, "मेरठ जेल में स्थिति अब पूरी तरह से काबू में है। पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) को मौके पर भेजा जा रहा है।" उत्तर प्रदेश में एक महीने के भीतर जेल में हिंसा भड़कने की यह तीसरी घटना है।