21 अप्रैल 2012
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिह ने शनिवार को लोक सेवकों से साहसिक निर्णय लेने का आह्वान करते हुए आश्वस्त किया कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के नाम पर उन्हें 'अनावश्यक परेशान' नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने सातवें लोक सेवक दिवस पर आयोजिए एक समारोह के उद्घाटन में कहा, "यह हमारा प्रयास होना चाहिए कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के नाम पर किसी को बेवजह निशाना न बनाया जाय।"
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार एक ऐसे तंत्र की स्थापना एवं वातावरण के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें हमारे लोक सेवक निर्णय लेने में सक्षम हों और किसी को निर्णय लेने में त्रुटि के कारण परेशान न किया जाए।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे देश में लोक सेवकों को निर्णय लेने की प्रवृत्ति से लड़ना चाहिए।" उन्होंने कहा कि लोक सेवक गलत हो जाने पर दंडित होने के भय से निर्णय लेने से हिचकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास कभी भी खतरे से 100 फीसदी मुक्त नौकरशाही नहीं हो सकती है। हमें बड़े निर्णय लेने की प्रक्रिया को उत्साहित करना चाहिए।"
उन्होंने गलतियों से बचने के लिए कोई निर्णय लेने की प्रवृत्ति पर कहा कि इससे लोक सेवक खुद को सुरक्षित बना सकते हैं लेकिन उनका समाज में योगदान नगण्य रहेगा।