23 अप्रैल 2012
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में 'अ' अक्षर का बोलबाला है। सरकार के मुखिया यानी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम 'अ' से होने के साथ उनकी सरकार में कई ताकतवर मंत्री ऐसे हैं जिनके नाम की शुरुआत 'अ' अक्षर से होती है।
सूबे के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में आठ ऐसे कैबिनेट एवं राज्य मंत्री हैं, जिनका नाम 'अ' से शुरू होता है।
अखिलेश सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आजम खान का नाम 'अ' से शुरू होता है। सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश के बाद आजम सबसे ज्यादा आठ विभाग वाले मंत्री हैं।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी एवं अखिलेश सरकार में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण विभागों के मंत्री अहमद हसन का नाम भी 'अ' से प्रारम्भ होता है।
'अ' से नाम शुरू होने वाले मंत्रियों की श्रृंखला में अगला नाम सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के करीबी अंबिका चौधरी का है। इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चौधरी एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिन्हें चुनाव हारने के बावजूद मुलायम ने उन्हें मंत्री पद दिया।
अगला नंबर आता है कि कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री आनंद सिंह का। इसके बाद 'अ' अक्षर वालों में हैं समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद।
राज्यमंत्रियों में जिन चार को पदोन्नत कर स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया है, उनमें दो के नाम 'अ' से शुरू होते हैं। एक हैं ग्रामीण विकास मंत्री अरविंद सिंह गोप, तो दूसरी हैं महिला कल्याण एवं संस्कृति मंत्री अरुणा कोरी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राज्यमंत्री (प्रोटोकाल) अभिषेक मिश्रा का भी नाम 'अ' से शुरू होता है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग के मुखिया यानी पुलिस महानिदेशक अम्बरीश चंद्र शर्मा का नाम भी 'अ' से शुरू होता है। सचिवालय में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने जिन दो सचिवों की नियुक्ति की है, उनमें एक भारतीय प्रशासिनक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी अनीता सिंह तो दूसरे आलोक कुमार हैं।
इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ के नए जिलाधिकारी के पद पर 'अ' अक्षर वाले अनुराग यादव और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर आशुतोष पांडेय की तैनाती की गई है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने आईएएनएस से कहा "इसे अद्भुत संयोग ही कहा जाएगा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ कई ताकतवर मंत्रियों और अधिकारियों के नाम 'अ' से शुरू होते हैं। संयोग ही सही, लेकिन कहा जा सकता है कि इस सरकार में 'अ' अक्षर का बोलबाला है।"