27 अप्रैल 2012
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने पिछले आदेश को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को डीएनए परीक्षण के लिए खून का नमूना देने के लिए बाध्य किया जा सकता है। यह आदेश तिवारी का पुत्र होने का दावा करने वाले 32 वर्षीय रोहित शेखर की याचिका पर सुनाया गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने कहा कि यदि तिवारी न्यायालय के आदेश के बावजूद खून का नमूना देने से इंकार करें तो उनके खिलाफ पुलिस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
न्यायालय ने शेखर की अपील भी मंजूर कर ली।
शेखर ने न्यायमूर्ति गीता मित्तल के सितम्बर 2011 के आदेश को न्यायालय में चुनौती दी थी। उस आदेश में कहा गया था कि तिवारी को डीएनए परीक्षण के वास्ते खून का नमूना देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।